मातेश्वरी अहिल्याबाई होल्कर 296 वे जन्मोत्सव की सभी देशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।


मातेश्वरी अहिल्याबाई जी का जन्म 31 मई 1725 मैं हुआ था एवं मृत्यु 13 अगस्त 1795 को हुई थी
यह हमारे समाज की ऐसी नारी थी जिन्होंने ना सिर्फ अपने समाज के हित के लिए बल्कि सर्व समाज के लिए बहुत ऐसे कार्य किए जिन की सराहना करते हुए हम नहीं थक सकते ऐसी महान नारी के लिए हमारा समाज तन मन धन से उनका जन्म उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाता चला आ रहा है लेकिन  कोरोना महामारी के चलते हम लोग घर पर ही उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करके सोशल मीडिया के माध्यम से मना रहे हैं ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह समय जल्दी से लौट कर आए जिससे हम लोग मिलकर और भी धूमधाम से जन्म उत्सव मना सकें बस यही प्रभु से प्रार्थना है कि सारा मानव समाज स्वस्थ रहे संपन्न रहें और निरंतर जिस तरह से भी हो उनका जन्मदिन मनाते रहे।
मातेश्वरी अहिल्याबाई जीने ऐसे सराहनीय कार्य करें जैन का संक्षिप्त परिचय देना चाहती हूं
 मातेश्वरी अहिल्याबाई जीके प्रमुख अंश:
1-  भारत वर्ष में 28 वर्ष तक रानी बनकर सेवा करने वाली अभी तक पहली और आखिरी महिला थी।
2-महिलाओं की सती प्रथा रोकने के लिए भारत में शुरुआती पहल।
3-महिलाओं की शिक्षा के लिए आवाज उठाना।
4-1200 से ज्यादा धर्मशाला,घाट,मंदिर बनवाना जो अपने आप में आज भी एक रिकॉर्ड है।
5- महेश्वर(राजधानी) मध्यप्रदेश को 17 वी सदी एक कपड़ा उद्योग के रूप में संगठित करना, जो आज भी जारी है।
6-भारतवर्ष के सभी बड़े मंदिर भगवान बद्रीनाथ ,काशी विश्वनाथ से लेकर रामेश्वरम तक मुग़ल काल के बाद उनका पुनर्निर्माण करवाना।
7 -साहित्य को  अपने शासन  मे स्थान दिया ,मोरोपंत,अनंतफ़ंडी, खुलासीराम उनके शासन काल मे ही हुए है।
8-प्रतिदिन जनता दरबार लगवाने वाली प्रथम महारानी।
9-अपने इकलौते पुत्र को न्याय प्रणाली से बिना समझौते किये मृत्यु दंड  की सज़ा सुनाने वाली महारानी।
10-पहली महारानी जिसको प्रजा ने भगवान स्वरूप देवी ओर माँ की उपाधि दी।
11-अंग्रेजो को संसद भवन बनवाने के लिए यह जमीन होल्कर वंश द्वारा ही दी गयी,आज संसद भवन में भी लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर  की मूर्ति लगी हुई है।
श्रीमती विनीता पाल

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