गाँव से पलायन को रोकने का अनुकरणीय समाधान एक शिक्षक  ने देशवासियों के समक्ष पेश किया 


दतिया, मध्य प्रदेश 13 जनवरी। सरकारी शिक्षक श्री मोहर सिंह सोलंकी, जिला दतिया, मध्य प्रदेश ने अपने ग्राम काली पहाड़ी, पोस्ट दुर्गापुर में पर्यावरण जागरूकता के अन्तर्गत चारों तरफ हरियाली से भरा अपना छोटा सा सुन्दर आवास बनाया है। सौर ऊर्जा से आपने पर्याप्त रोशनी करके अपने आवास के आसपास के क्षेत्र को जगमग कर दिया है। गाँव से पलायन को रोकने का आपने अपने आवास को एक मॉडल के रूप में देश के समक्ष प्रस्तुत किया है। 
    आपने अपने सरकारी स्कूल के प्रांगण को रंग-बिरंगी चित्रकारी अपने खर्चा से कराकर आकर्षक बनाया है। आपके इन प्रयासों की ग्रामवासी भूरि-भूरि सराहना करते हैं। आपने अपने सीमित संसाधन के सदुपयोग करते हुए देशवासियों के समक्ष एक प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत किया है। आपके इस अनुकरणीय प्रयास का एकमात्र उद्देश्य गाँव से पलायन को रोकना है। 
    वर्तमान समय में देश के अधिकांश कर्मचारी गांव की अपेक्षा शहरों में आधुनिक संसाधन उपलब्ध होने के कारण गाँव से पलायन करने लगे हैं। इसलिए श्री सोलंकी ने अपने गाँव में रहकर इन संसाधनों के अभाव में भी गाँव में प्रदूषण रहित, हरियाली से हरा-भरा आवास बनाने का संकल्प लिया। साथ ही आपकी ग्रामीण क्षेत्र में रहकर बच्चों की शिक्षा के द्वारा सेवा करने में विशेष रूचि है।
    गांवों से शहरों की ओर पलायन का सिलसिला कोई नया मामला नहीं है। गांवों में कृषि भूमि के लगातार कम होते जाने, आबादी बढ़ने और प्राकृतिक आपदाओं के चलते रोजी-रोटी की तलाश में ग्रामीणों को शहरों-कस्बों की ओर मुंह करना पड़ता है। गांवों में बुनियादी सुविधाओं की कमी भी पलायन का एक दूसरा बड़ा कारण है। गांवों में रोजगार और शिक्षा के साथ-साथ बिजली, आवास, सड़क, संचार, स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाएं शहरों की तुलना में बेहद कम है। इन बुनियादी कमियों के साथ-साथ गांवों में भेदभावपूर्ण सामाजिक व्यवस्था के चलते शोषण और उत्पीड़न से तंग आकर भी बहुत से लोग शहरों का रूख कर लेते हैं। 
    शिक्षक श्री सोलंकी के इस संकल्पित प्रयास से आसपास के ग्रामीण बन्धुओं को गांव में ही रहकर अपना व्यवसाय तथा नौकरी करने की अत्यधिक प्रेरणा मिल रही है।
प्रदीपजी पाल, वरिष्ठ पत्रकार

पाल वर्ल्ड टाइम्स की खबरों को शेयर करें और सोशल मीडिया पर भी फॉलो करना न भूलें।