
नया सवेरा:ः नई शुरूआत
सर्दी गई आ गई प्रिय वसंत
चारों ओर है खुशियां अनंत
प्रकृति ने किया पूरा शृंगार
फसल हुई नई नवेली दुल्हन सी तैयार
नया सवेरा, नई शुरूआत
भूल जाओ पुरानी बात
चिड़ियां चहचाई चली मधुर पवन
आमों में आया बौर महक उठा मधुबन
जीवन में भर लो उत्साह और उमंग
आ रहा होली का त्योहार जीवन में भर लो रंग
जगाओ अपने अंदर आत्मविश्वास
सफलता का होगा मधुर-मधुर आभास
शीतल मंद समीर का झोंका
जीवन में मिल गया सुंदर मौका
शिक्षा संस्कार संस्कृति और विज्ञान
आगे बढ़ और अपने आप को पहचान
रचना: प्रोफेसर (इंजीनियर)
भजनलाल हंस बघेल, प्रिंसिपल
जीवीएन पालिटेक्निक कालेज
पलवल हरियाणा
9588 52 34 84
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