देश के पांच राज्यों के विधान सभा चुनावों 2022 के सभी प्रत्याशियों, कार्यकर्ताओं तथा जागरूक वोटरों (लोकतंत्र के यौद्धाओं) को हार्दिक बधाइयाँ 


देश के पांच राज्यों के विधान सभा चुनावों 2022 के सभी प्रत्याशियों, कार्यकर्ताओं तथा जागरूक वोटरों (लोकतंत्र के यौद्धाओं) को हार्दिक बधाइयाँ 
- प्रदीपजी पाल, वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक 
    लोकतंत्र की मजबूती के लिए देश के पांच राज्यों में विधान सभा चुनावों 2022 में प्रतिभाग करने वाले सभी दलों के प्रत्याशियों, कर्मठ व जुझारू कार्यकर्ताओं तथा जागरूक वोटरों को मेरी ओर से हार्दिक बधाइयाँ। लोकतंत्र के इस चुनावी महापर्व में जीत व हार को हम सभी देशवासियों को सहर्ष स्वीकार करते हुए लोक कल्याण के लिए बनायी जाने वाली नीतियों एवं योजनाओं का लाभ देश के अंतिम नागरिक तक पहुंचाने में जुट जाना चाहिए। 
    जनता के आदेश को भगवान की इच्छा मानना चाहिए। साथ ही उसे विनम्रतापूर्वक वहन तथा स्वीकार करना चाहिए। पांच राज्यों के विधान सभा चुनावों में सभी दलों ने जनादेश को सहर्ष स्वीकारा यह भारतीय लोकतंत्र की उत्कृष्टता तथा गौरव है। जनतंत्र अर्थात जनता के राज में जनता का निर्णय सबसे ऊपर है। सभी दलों को लोकतंत्र तथा जनादेश के सम्मान, हित, कानून के राज तथा विकास के लिए सतत् संघर्षरत रहना चाहिए। इस चुनाव में सर्वाधिक आम नागरिक के मुद्दों की बात हुई है। यह लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। इसे सफल बनाने के लिए जागरूक वोटरों ने भी पूरा उत्साह दिखाया है। 
    हार-जीत के शोर के बीच हमें अपने नागरिक कर्तव्यों तथा अधिकारों के सदैव ध्यान रखना है। इस चुनाव ने सभी दलों के समक्ष कुछ चुनौतियां, प्रेरणा तथा सीख रखी हैं। उनसे सीख तथा प्रेरणा लेकर प्रत्येक भारतीय को विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के जागरूक नागरिक के रूप में वैश्विक लोकतांत्रित व्यवस्था (विश्व संसद) के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का साहस दिखाना है। 
    लोकतंत्र की गरिमा को अविराम जनसेवा करके वैश्विक लोकतांत्रिक व्यवस्था का समय रहते गठन करना है। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते वर्तमान वैश्विक उथल-पुथल की विषम परिस्थितियों में राष्ट्र पिता की तरह अब विश्व पिता की आवश्यकता है। मानव जाति को उसे पूरे मनोयोग से समय रहते ढूंढ़कर विश्व सरकार रूपी परिवार के मुखिया का दायित्व सांैपना होगा। यह युगानुकूल कदम हमें तुरन्त उठा लेना चाहिए था लेकिन यदि हमने अभी भी यह कदम नहीं उठाया तो फिर बहुत देर हो जायेगी। अभी नहीं तो फिर कभी नहीं। फिर मत कहना कुछ कर न सके। हमें वैश्विक सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ना है। 
    जैसे हमने प्रथम विश्व युद्ध के चलते लीग आफ नेशन्स बनाया तथा द्वितीय विश्व युद्ध से पीड़ित होकर संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन किया था। अब समझदारी से तृतीय विश्व युद्ध होने के पूर्व लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित विश्व सरकार का गठन कर लेना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र को शक्ति प्रदान करके विश्व संसद का गठन करना चाहिए। विश्व सुरक्षित होगा तो हमारा देश, हमारा प्रदेश, हमारा जिला, हमारा गांव तथा हमारा घर सुरक्षित रहेगा। यह प्यारा विश्व भी हमारा है पराया नहीं है।
    जिस प्रकार देश का संचालन देश की संसद, संविधान तथा कानून के द्वारा किया जाता है। उसी तरह विश्व का संचालन विश्व संसद, विश्व सरकार तथा विश्व न्यायालय बनाकर करना चाहिए। पारिवारिक एकता ही 
वसुधैव कुटुम्बकम् की आधारशिला है। शान्ति के लिए विश्व सरकार का गठन इस युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है। मानव जाति का अन्तिम लक्ष्य धरती पर आध्यात्मिक सभ्यता का निर्माण करने के साथ पूरा होगा। 
    हमें आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि सभी पांच राज्यों में विधान सभा चुनावों 2022 के सभी दलों के प्रत्याशी, कर्मठ कार्यकर्ता तथा जागरूक वोटर अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा एवं लगन के साथ पूर्ण करते हुए न केवल अपने देश तथा प्रदेश की जनता के दिलों पर अपनी एक अलग छाप छोड़ेगे बल्कि अपने देश को सारे विश्व में नई ऊँचाइयों तक ले जाने में भी सफल होंगे। हमारा 42 वर्षों के शैक्षिक तथा सामाजिक अनुभव के आधार प्रबल विश्वास है कि भारत ही विश्व में शान्ति स्थापित करेगा।  
    इन्हीं शुभकामनाओं के साथ, 
बी-901, आशीर्वाद, उद्यान-2, एल्डिको, रायबरेली रोड, लखनऊ-226025  
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