नारी सशक्तिकरण के द्वारा पारिवारिक एकता   


आओ हम सब मिलकर महिला सशक्तिकरण दिवस मनाये
जीवन में हरियाली भरकर मधुर गीत गाये
मानव के जीवन की झांकी में महिला करती गान
जीवन मधुर बनेगा हम सब बने महान
आज विश्व को जरूरत है महिला सशक्तिकरण की 
सीता, सवित्री, अनुसुइया, अहिल्या बाई होलकर बने सबकी जन्मदात्री 
इन सब नारियों के पर्व को हम सब धूमधाम से मनाये
नारी को सम्मान देकर जन-जन की चेतना का उठाये
हिन्दुस्तान बने खुशहाल जीवन में सबके आयी खुशहाली
महिलायें ने जन जीवन में मिलकर फिर धूम मचा दी
हम सब झूम उठे अंबर तल पर बने सबकी शान
हरियाली के इस नव वर्ष पर महिलायें बने समाज की शान
मानवता का दीप जलाकर घर-घर फैले उजियारा 
जीवन के क्षण भंगुर पल में हम सब बने सबका सहारा 
आओ मिलकर पारिवारिक एकता, जय हिन्द, जय जगत का गीत गाये
भारतीय संस्कृति के आदर्श वसुधैव कुटुम्बकम् को साकार बनाये।
वसुधा का अब कुटुम्ब बनाये - अभी नहीं तो फिर कभी नहीं!  

रचनाकार - सूरज जौनपुरी ‘विकल’
सूर्य पाल सिंह, लखनऊ 
मोबाइल 94530 53903

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