7 August --- गुरूदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर की पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि का सभा का आयोजन  गुरूदेव अपने समय के पहले सबसे लोकप्रिय तथा  सर्वमान्य विश्व नागरिक थे।   


लखनऊ 7 अप्रैल। गुरूदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर की पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि सभा तथा विचार गोष्ठी का आज आयोजन पाल वल्र्ड टाइम्स वेबसाइट के प्रधान कार्यालय, रायबरेली रोड पर किया गया। इस अवसर पर हरियाणा के गुरूग्राम से वरिष्ठ समाजसेवी श्री राम प्रकाश पाल व युवा साथी श्री राजकुमार पाल विशेष रूप से पधारे। साथ ही लखनऊ से वरिष्ठ समाजसेवी श्री जगजीवन पाल, प्रसिद्ध कवि सूरज जौनपुरी, श्री प्रदीपजी पाल, श्रीमती उमाजी पाल तथा युवा समाजसेवी विश्व पाल शामिल हुए।  
    इस अवसर पर सभी ने मातु अहिल्या बाई होल्कर, सभी धर्मों के महान अवतारों तथा गुरूदेव रविन्द्र नाथ टैगोर के समक्ष दीप प्रज्जवलित तथा पुष्प अर्पित करके सम्मान प्रकट किया गया। साथ ही सभी ने मातुश्री तथा गुरूदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर जी के लोक कल्याण, पारिवारिक एकता, वसुधैव कुटुम्बकम् तथा सर्व-धर्म समभाव के विचारों को जन-जन में पहुंचाने का संकल्प लिया। प्रसिद्ध कवि सूरज जौनपुरी ने गुरूदेव के प्रति अपने प्रेरणादायी गीत के माध्यम से श्रद्धाजंलि अर्पित की।  
    इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री श्री राम प्रकाश पाल ने कहा कि मातुश्री तथा गुरूदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर के मानवीय एवं आध्यात्मिक विचारों को जन-जन में पहुंचाने में पाल वल्र्ड टाइम्स वेबसाइट अनुकरणीय कार्य कर रहा है। इस पुनीत अभियान में सभी को तन, मन तथा धन से सहयोग करने के यथा शक्ति आगे आना चाहिए। युवा साथी श्री राजकुमार ने कहा कि गुरूदेव ने रक्षाबंधन के त्योहार को स्वतंत्रता के धागे में पिरोया। उनका कहना था कि राखी केवल भाई-बहन का त्योहार नही है अपितु ये इंसानियत का पर्व है, भाई-चारे का पर्व है। 
    वरिष्ठ समाजसेवी श्री जगजीवन पाल ने कहा कि गुरूदेव टैगोर जी किसानों से अत्यधिक प्रेम करते थे। वे कहा करते थे “हमने अवतारों को तो नहीं देखा लेकिन अपने अन्नदाता को किसानों के रूप में देखा है।” टैगोर ने जब देखा की गरीब और अशिक्षित किसान अन्धविश्वासांे में जकड़े हुए हंै तो उन्होंने उनके लिए एक स्कूल खोलने का निश्चय किया। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने शान्ति निकेतन की स्थापना की।
    वरिष्ठ समाजसेवी श्री प्रदीपजी पाल ने कहा कि गुरूदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर के अनुसार ‘मेरा घर सब जगह है, मैं इसे उत्सुकता से खोज रहा हूँ. मेरा देश भी सब जगह है, इसे मैं जीतने के लिए लडूंगा। प्रत्येक घर में मेरा निकटतम सम्बन्धी रहता है, मैं उसे हर स्थान पर तलाश करता हूँ। रवीन्द्र नाथ टैगोर ने अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, चीन सहित दर्जनों देशों की यात्राएँ करके भारतीय संस्कृति के आदर्श ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ को सारे विश्व में फैलाया। सारे विश्व में उनके वैज्ञानिक तथा विश्वव्यापी दृष्टिकोण के कारण बड़े जन समुदाय द्वारा जोरदार स्वागत किया जाता था। सही मायने में वह ंअपने युग के पहले सबसे लोकप्रिय तथा सर्वमान्य विश्व नागरिक थे। 
    युवा समाजसेवी श्री विश्व पाल ने कहा कि ‘ग्लोबल विलेज’ के रूप में विकसित 21वीं सदी के विश्व समाज में भी मातुश्री अहिल्या बाई होल्कर तथा गुरूदेव के लोक कल्याणकारी, लोकतांत्रिक तथा मानवीय विचार आज भी पूरी तरह सारगर्भित तथा युगानुकूल हैं। 
    समापन पर मेरठ से प्रकाशित ‘हरि कमल दर्पण’ साप्ताहिक समाचार पत्र की प्रति तथा पारिवारिक एकता की प्रति श्री राम प्रकाश पाल, श्री राजकुमार पाल तथा श्री जगजीवन पाल को सादर भेंट की गयी। वरिष्ठ समाजसेवी श्रीमती उमाजी पाल ने समाज से मिल रहे विश्वास तथा सहयोग के लिए सभी के प्रति हार्दिक धन्यवाद प्रकट किया।
palworldtimes.com

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