डा. संदीप पाल ने अपने अस्पताल में कोरोना का मुफ्त इलाज  करके देश के सामने अनुकरणीय मिसाल प्रस्तुत की

बैतूल - मध्य प्रदेश 29 अप्रैल। इस कोरोना काल मे जब कई निजी अस्पतालों ने इसे आपदा में अवसर बनाते हुए बीमारी और बीमारों को कमाई का जरिया बना लिया है। बैतूल का एक अस्पताल कोविड मरीजांे को मुफ्त इलाज कर रहा है। इस हास्पिटल में भर्ती किये जाने वाले कोरोना मरीजो को बैड, आक्सीजन, दवा से लेकर इलाज तक फ्री किया जा रहा है। खास बात यह है कि अस्पताल में म्यूजिक थेरेपी से लेकर आयुर्वेदिक काढ़े तक इलाज में इस्तेमाल किये जा रहे है। 
    मानव सेवा ही ईश्वर की सेवा है के सूत्र वाक्य के साथ ओम स्वास्थ्य एवं शिक्षा परिषद बैतूल के पास भारत भारती में ओम चिकित्सालय का संचालन करती है। मूलतः यह ओम आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज और हास्पिटल है। जिसे समाजसेवी सोनू पाल और उनके सर्जन भतीजे डा. संदीप पाल संचालित करते है। कोविड की दूसरी लहर शुरू हुई तो अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना मरीजांे के इलाज का बीड़ा उठाया ।
    स्थानीय प्रशासन से चर्चा कर यहां 60 बैड का कोविड हास्पिटल शुरू कर दिया गया। जहां 15 आक्सीजन बैड की सुविधा भी शुरू की गई। यहां पिछले 20 दिन में 120 से ज्यादा कोविड मरीज भर्ती किये गए है। जिनमें 15 से 20 को उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। खास बात यह है कि मरीजांे को बिल्कुल मुफ्त इलाज किया जाता है। मरीज को बैड उपलब्ध कराना हो या फिर दवा या उपचार सब कुछ मुफ्त होता है। अस्पताल प्रबंधन यहां डा. संदीप पाल की अगुवाई में आयुर्वेदिक दवाओं के अलावा ऐलोपैथिक मेडिसिन, म्यूजिक थैरेपी और योग से मरीजों का इलाज करते हैं। स्वस्थ्य होने वाले मरीजों को यहां डिस्चार्ज के समय पौधा भेंट कर अपने घर रवाना किया जाता है। 
    डाक्टरों और नर्सो की माने तो कोरोना में मरीज सबसे ज्यादा इस बीमारी से डरा हुआ होता है। ऐसे में उसे पारिवारिक माहौल की जरूरत होती है। नर्स कमलती और सीएचओ कविता कुमरे बताती है कि मरीज का डर निकालकर परिवार का माहौल देना और मुफ्त इलाज करना उनका ध्येय है। कालेज और अस्पताल का प्रबंधन संभाल रहे श्री सोनू पाल का मानना है कि आज जब कोरोना के इलाज में लूट मची हुई है। लोग इस आपदा को अवसर मानकर कमाई का जरिया बनाये हुए है। उन्होंने पीड़ित मानवता की सेवा का बीड़ा उठाया है। इधर मरीज भी यहां से जब डिस्चार्ज होते है तो वे प्रबंधन को दुआ देते लौटते है। मरीज बशीर और श्रीमती ठाकुर अस्पताल प्रबंधन को दुआएं देते नही थकती। वे कहते है कि उन्हें ऐसे लगा ही नही की वे किसी अस्पताल में है। घर जैसे माहौल ने उन्हें रिकवर होने में खासी मदद की है।
    मानवता सदैव इस अनुकरणीय सेवा के ओम चिकित्सालय की ऋणी रहेगी। 
- खबराम डाॅन काॅम 
 

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