वे गरीब युवा और अशिक्षित होते हैं।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बताया है कि देश में करीब 67 प्रतिशत कैदी विचारधीन हैं। इनमें से एक बड़ी संख्या उनकी होगी जिन्हें शायद निर्दोष पाया जायेगा। सारे विचारधीन कैदियों में यह बात आमतौर पर देखी जाती है कि वे गरीब युवा और अशिक्षित होते हैं।

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