
गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) की अध्यक्षता में गुरुवार को बीजेपी (Bjp) मुख्यालय पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में सितंबर में बने तीनों कृषि कानूनों (Farms Laws) को मजबूती से डिफेंड करने के साथ किसानों का समर्थन जुटाने का निर्णय लिया गया. कहा गया कि विपक्ष और कुछ संगठनों की ओर से फैलाए गए भ्रम को दूर करते हुए तीनों कानूनों का पार्टी कार्यकर्ताओं को मजबूती से बचाव करने के लिए लगातार अभियान चलाना चाहिए.
जब देश भर के किसान हकीकत से रूबरू होंगे तो भ्रम दूर होगा, जिससे आंदोलन का असर कम होगा. इस बैठक में किसानों के बीच जनसंपर्क अभियान में और तेजी लाने पर जोर दिया गया.
गृहमंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में बीजेपी मुख्यालय पर दोपहर बाद साढ़े तीन बजे से महासचिवों और अन्य पदाधिकारियों के साथ मीटिंग शुरू हुई. इस बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों के साथ अब तक चली बातचीत में उठे मुद्दों की जानकारी दी. उन्होंने किसान आंदोलन के विभिन्न पहलुओं पर सभी को अवगत कराया. किसान आंदोलन हल होने की राह में कुछ किसान संगठनों की ओर से उत्पन्न चुनौतियों की भी जानकारी दी.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों और बीजेपी के संगठन पदाधिकारियों के बीच तय हुआ कि जनता के बीच तीनों कृषि कानूनों को मजबूती से डिफेंड करने की जरूरत है. किसान संगठनों की ओर से सुझाए गए जरूरी प्रस्ताव पर सरकार अमल करेगी, लेकिन तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग पर कोई विचार नहीं होगा.
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