
मेरी प्यारी नटखट पोती नन्हें हाथों से,
दोनों हाथ जोड़ मुस्कान के साथ नमस्ते करती है ।
तो बचपन याद आता है
तो बचपन याद आता है
कभी गिरते हुए देखूं,
कि जिद करते हुए देखूं,
कभी हंसते हुए देखूं
कभी रोते हुए देखूं
कभी मैं भी तो ऐसा था,
ये दिल मुझको बताता है ।।
तो बचपन याद आता है
तो बचपन याद आता है
जब वो बहाने बनाती है,
मुझको अब सीखती है,
भर के आंखों में आसूं,
वो जिद पूरी कराती है
करूं जिद पूरी मैं उसकी,
तब दिल को चैन आता है ।।
तो बचपन याद आता है
तो बचपन याद आता है
सांय काल आफिस से हारा थका जब घर पहुँचता हूँ,
उसका तुतलाती आवाज मे दादूजी आ गए कहते हुए दोड़कर आना
मेरा गुजरा हुआ बचपन,
फिर तुझमें नजर आता है ।।
तो बचपन याद आता है
तो बचपन याद आता है
उसके साथ बच्चा बन अठखेलियों करना,
घोड़ा बनकर पीठ पर बैठाकर घुटनों के बल चलना अच्छा लगता है
तो बच्चपन याद आता है
तो बच्चपन याद आता है
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