
भारत ने शुक्रवार को रात 8.20 बजे ओडिशा के बालासोर के तट से 250 किलोमीटर से अधिक दूरी की मारक क्षमता वाली पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल का एक और सफल रात्रि परीक्षण किया। परीक्षणों की श्रृंखला में डीआरडीओ ने केवल 35 दिनों के भीतर यह 10वीं मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। हालांकि पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल पहले से ही स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमान का हिस्सा है। तीन सप्ताह से भी कम समय में पृथ्वी-2 का यह दूसरा परीक्षण था। राजनीतिक नेतृत्व ने रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रमुख कदम के रूप में डीआरडीओ की उपलब्धियों की सराहना की है।
सतह से सतह पर मार करने वाली यह भारत की पहली स्वदेशी मिसाइल है। डीआरडीओ के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि पृथ्वी-2 मिसाइल शुक्रवार रात को परीक्षण के दौरान अपने सभी मापदंडों पर खरी उतरी है। इस तरह से मिसाइल का रात्रि परीक्षण सफल रहा है। इससे पहले भारत ने अपनी स्वदेशी रूप से विकसित सतह से सतह पर मार करने और एक टन परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम पृथ्वी-2 मिसाइल का रात्रि परीक्षण 23 सितम्बर की देर रात को ओडिशा के समुद्री तट पर किया था। इससे पहले भारत ने पिछले साल नवम्बर और दिसम्बर में भी परमाणु क्षमता संपन्न स्वदेश निर्मित पृथ्वी-दो मिसाइल का रात में सफल परीक्षण किया था। यह परीक्षण भी ओडिशा के तट से सशस्त्र बलों के लिए किया गया था।
पिछले साल सतह से सतह तक मार करने में सक्षम पृथ्वी-2 मिसाइल का रात्रि परीक्षण 4 दिसम्बर से पहले और 20 नवम्बर को एक पखवाड़े के अंदर किया गया था। 500-1000 किलोग्राम अग्निशस्त्र ले जाने में सक्षम पृथ्वी-2 दो मिसाइल तरल प्रणोदन दो इंजनों से संचालित है। मिसाइल को उत्पादन स्टॉक से एकाएक चुना गया और सशस्त्र बलों के स्ट्रैटजिक फोर्स कमान (एसएफसी) ने संपूर्ण प्रक्षेपण गतिविधि को अंजाम दिया। यह परीक्षण डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की निगरानी में किया गया।
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