स्वर्गीय डाक्टर अशोक पाल के परिवार को न्याय दिलाने के संकल्प के  साथ श्रद्धांजलि देने भारी संख्या में लोग आगे आये

मुम्बई। पाल और धनगर समाज के लिए 11 दिसंबर का दिन एक ऐतिहासिक दिन साबित हुआ। मुबंई, नई मुबंई, थाने से आये सैकड़ांे हमारे छोटे और बड़े भाईयांे, बहनों, माताओं, चाचा और पिता तुल्य लोगांे का समाज एवं स्वर्गीय डाक्टर अशोक पाल जी के प्रति जो लगाव देखने को मिला उसको शब्दो में बया करना नामुमकिन है।
    मुबंई और थाने की धरती मे पहली बार येसा हुआ की उत्तर प्रदेश के संपूर्ण गडेरिया समाज के साथ महाराष्ट्र के धनगर भाईयों ने एक साथ, एक मंच पर, एक सोच, के साथ स्वर्गीय डाक्टर अशोक पाल जी को श्रद्धांजलि देने के लिए आगे आये और उनको न्याय मिलने तक एक साथ मिलकर लड़ाई लडने के लिए तैयार है।
    भाईयों आज यह कहना कोई अतिशयोक्ति नही होगी की हमारी यह एकता देख कर स्वर्गीय डाक्टर अशोक पाल जी की आत्मा को आज जरूर शान्ति मिली हुई होगी और उनके मुंह से यही निकला होगा की उनको अब न्याय उनका समाज जरूर दिलायेगा। लेकिन दूसरी ओर उनकी आत्मा को इस बात पर जरूर खुशी हुई होगी कि जिस तरह से पाल समाज जागृत हुआ है और मिलकर उनके परिवार के साथ खडा है इस जागृति और एकता के कारण उनकी मौत यू ही व्यर्थ नही जायेगी। आगे से हजारों और लाखांे बच्चे जो गरीबी और लाचारी से संघर्ष करके अपने घर से दूर जाकर पढ़ाई कर रहे है उनके साथ ऐसा कृत्य नही हो पायेगा। अब किसी मां की गोद सुनी नही होगी, किसी का भाई अपनी बहन से इस तरह से अलग नही होगा। किसी का भाई अपने भाई को नही खोयेगा।
    श्रद्धांजलि सभा मे अपना बहुमूल्य समय निकाल कर पहुंचे सभी भाईयांे और बहनों को तहे दिल से शत शत नमन, धन्यवाद और आभार प्रगट करता हूं। अंत मंे बस यही कहना चाहता हूं कि न्याय मिलने तक हमे चुप नही बैठना है इस लडाई को हमंे अंजाम तक पहुंचाना है। इसके लिए हमे तैयार रहना है। आप सभी का आगे भी इसी तरह से सहयोग अपेक्षित है। स्वर्गीय डाक्टर अशोक पाल अमर रहे। जब तक सूरज चांद रहेगा डाक्टर अशोक पाल जी आपका नाम रहेगा..... धन्यवाद। 
- राजनाथ पाल, समाज प्रेमी। 

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