
जागो बेटियां जागो !
उठा खडग हाथों में
कर दे तू शंखनाद
बन जा रानी झांसी सी
यही है वक्त की पुकार.
तू कोई मजलूम नहीं
ना ही तू कोई कोमल कली
शौर्या तू भारत भूमि की
भर दे तू हुंकार
जागो बेटियां जागो
यही है वक्त की पुकार.
रक्षा-सुरक्षा स्वयं तेरे हाथों में
उठा लो तुम तलवार
उठे जो आंखें तेरी ओर
कर दो उसका तुम संहार
जागो बेटियां जागो
यही है वक्त की पुकार.
ममता, प्यार तभी तक अच्छा
जब तक हो तेरा सम्मान
बात जो आये आन-वान पर
धरो रूप मां दुर्गा समान
जागो बेटियां जागो
यही है वक्त का आह्वान.
धरा तुम्हारी गाथा लिखने को
प्रतीक्षारत है इस नव युग में
चक्र सुदर्शन कृष्ण के नहीं
धरो तुम अपने अंगुल में
नियति नहीं संबल हो तुम
बना लो आज अपनी पहचान.
जागो बेटियां जागो
गांडीव धारी अर्जुन बन जागो
वीर वाला बन जाओ
देश तुम्हारा, तुम देश की
तुम पर है अभिमान
जागो बेटियां जागो
तुम भारत की बेटी महान
डॉ.अनुज प्रभात
फारबिसगंज.-854318
अररिया (बिहार)
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