
1. प्रत्येक बच्चे को जीने का अधिकार है।
2. उसे उचित देखभाल और खाने-पीने का अधिकार है।
3. यह माना जाता है कि बच्चे के व्यक्तित्व का पूरा और उचित विकास परिवार के बीच ही हो सकता है। ऐसी जगह जहाँ खुशी, प्रेम और आपसी समझ-बूझ हो। इसलिए उसे परिवार में रहने का अधिकार है।
4. प्रत्येक बच्चे को स्वास्थ्य सुविधाएँ पाने का अधिकार है।
5. उसे पढ़ाई-लिखाई के बराबर मौके पाने का अधिकार है।
6. प्रत्येक बच्चे को उससे जुड़े हर मुद्दे पर अपनी बात कहने का अधिकार है।
7. प्रत्येक बच्चे को अपनी बात कहने और जताने की छूट का अधिकार है। इसमें वह बिना किसी सीमा के मौखिक, लिखित या छपे रूप में, कला रूप में या अपनी पसन्द के किसी भी अन्य तरीके से सभी तरह की जानकारी और विचार माँग सकता है और दे भी सकता है।
8. प्रत्येक बच्चे को आराम करने, खेलने और अपनी उम्र के हिसाब से मनोरंजन करने और सांस्कृतिक तथा कलात्घ्मक गतिविधियों में स्वतंत्र रूप से भाग लेने का अधिकार है।
9. बच्चों को शांतिपूर्ण तरीके से इकट्ठा होने और अपना संगठन बनाने का अधिकार है।
10. प्रत्येक बच्चे को आर्थिक और शारीरिक शोषण से बचने का पूरा अधिकार है।
11. हर बच्चे को यह अधिकार है कि उसकी निजी जिंदगी, घर-परिवार और पत्र-व्यवहार पर गैर-कानूनी ढंग से हस्तक्षेप न हो।
12. युद्ध, बाढ़, सूखा, महामारी, भूकंप जैसी मुसीबतों के समय सबसे पहले राहत पाने का अधिकार है।
13. प्रत्येक बच्चे को अपने हकों और भलाई के लिए कानूनी तौर पर हिफाजत का अधिकार है।
सौजन्य से - टीचर्स आॅफ इण्डिया
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