
लखनऊ 10 नवंबर। पाल वल्र्ड टाइम्स डाॅट काॅम परिवार द्वारा प्रसिद्ध शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी, संस्थापक-
प्रबन्धक, सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ के जन्म दिन के अवसर पर विश्व एकता विचार गोष्ठी अपने प्रधान कार्यालय में बड़े ही उल्लासपूर्ण ढंग से आयोजित की गयी। गोष्ठी का शुभारम्भ मातुश्री अहिल्या बाई होल्कर तथा सभी धर्मों के अवतारों के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके एवं पुष्पाजंलि अर्पित करके हुआ। साथ ही जय जगत का प्रेरणादायी गीत गाकर सभी ने डा. जगदीश गांधी जी के प्रति सादर सम्मान प्रकट किया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध कवि सूरज जौनपुरी को अंग वस्त्र पहनाकर तथा विश्व एकता की टोपी पहनाकर विशेष रूप से सम्मानित किया गया। वयोवद्ध सूरज जौनपुरी नियमित रूप से दो घण्टे का समय पारिवारिक एकता तथा जय जगत के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए देते हैं। सूरज जौनपुरी तथा वरिष्ठ समाजसेवी
श्री चन्द्र देव पाल द्वारा गीतों के माध्यम से डा. जगदीश गांधी के प्रति सम्मान प्रकट किया गया। सभी को पारिवारिक एकता की पुस्तक तथा डा. जगदीश गांधी द्वारा लिखित प्रेरणादायी पुस्तकें सादर भेंट की गयी।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार प्रदीपजी पाल ने बताया कि डा. जगदीश गांधी तथा उनकी पत्नी डाॅ. भारती गाँधी ने मिलकर सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ की नींव 1 जुलाई 1959 को किराये के मकान में पड़ोसी से 300/- रूपये उधार लेकर डाली थी। वर्ष 1959 में 5 बच्चों से शुरू हुए इस विद्यालय में आज लखनऊ शहर में स्थित 18 शाखाओं में 56,000 (छप्पन हजार) से अधिक छात्र-छात्रायें मोन्टेसरी से लेकर इण्टरमीडिएट कक्षाओं में अध्ययनरत् हैं। सीएमएस द्वारा अपनी स्थापना के समय से ही ‘जय जगत’ को ध्येय वाक्य के रूप में अपनाया गया है। जय जगत के पीछे भावना यह है कि विश्व का प्रत्येक व्यक्ति परमात्मा की राह पर चले तो किसी की भी पराजय नहीं होगी बल्कि सबकी जय होगी अर्थात सारे जगत की जय हो तथा जगत का कल्याण हो।
श्री पाल ने आगे बताया कि शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसके द्वारा विश्व में सामाजिक परिवर्तन लाया जा सकता है। 21वीं सदी की शिक्षा का स्वरूप 20वीं सदी की शिक्षा से भिन्न अर्थात 21वीं सदी की शिक्षा का स्वरूप विश्वव्यापी तथा समस्त मानव जाति के कल्याण का होना चाहिए। डा. जगदीश गांधी का मानना है कि वैश्विक महामारी कोरोना, अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद, घातक शस्त्रों की होड़ तथा तृतीय विश्व युद्ध की आशंका के स्थायी समाधान के लिए एक वैश्विक लोकतांत्रिक व्यवस्था के अन्तर्गत विश्व संसद का समय रहते गठन करना होगा। इसके पश्चात् ही मानव सभ्यता की गुफाओं से शुरू हुई यात्रा का अन्तिम लक्ष्य संसार में आध्यात्मिक सभ्यता की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा। श्री पाल ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि वह विगत 41 वर्षों से डा. जगदीश गांधी जी के नेतृत्व में जय जगत अभियान से जुड़े हैं। डा. जगदीश गांधी जी को हम अपना शैक्षिक विश्व गुरू मनाते हैं।
इस अवसर पर श्रीमती उमाजी पाल, श्रीराम पाल, श्रीमती एकता पाल, श्रीमती नीतू सिंह तथा विश्व पाल ने भी शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी जी के प्रति अपना सम्मान प्रकट किया। अन्त में सभी को हरिकमल दर्पण साप्ताहिक समाचार पत्र की प्रतियां वितरित की गयी।
Leave a comment
महत्वपूर्ण सूचना -
भारत सरकार की नई आईटी पॉलिसी के तहत किसी भी विषय/ व्यक्ति विशेष, समुदाय, धर्म तथा देश के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी दंडनीय अपराध है। इस प्रकार की टिप्पणी पर कानूनी कार्रवाई (सजा या अर्थदंड अथवा दोनों) का प्रावधान है। अत: इस फोरम में भेजे गए किसी भी टिप्पणी की जिम्मेदारी पूर्णत: लेखक की होगी।