उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कल्याण सिंह जी के देहान्त पर  डा. जगदीश गाँधी ने विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की -------- आत्मा अजर अमर तथा अविनाशी है!


लखनऊ, 22 अगस्त। सिटी मोंटेसरी स्कूल के संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने माननीय पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश श्री कल्याण सिंह जी के देहान्त पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि लोकप्रिय जननेता श्री कल्याण सिंह जी के देहान्त की दुखदायी घटना पूरे राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है। स्व. श्री कल्याण सिंह जी का जनमानस से अद्भुत जुड़ाव था। मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने दृढ़तापूर्वक साफ-सुथरी राजनीति को प्रश्रय दिया व शासन-व्यवस्था से अपराधियों-भ्रष्टाचारियों को बाहर किया। 
     डा. गाँधी ने अपने शोक संदेश में कहा कि श्री कल्याण सिंह जी के निधन से मैं दुखी हूं। वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी कर्तव्यनिष्ठा व राजनीतिक कौशल से सुशासन की संकल्पना को साकार कर जनता को भय व अपराध से मुक्त एक जनकल्याणकारी शासन दिया। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार कर आने वाली सरकारों के लिए उत्कृष्ट आदर्श भी स्थापित किए। उनके निधन से आई रिक्तता की भरपाई लगभग असम्भव है। ईश्वर उनके शोक संतप्त परिवार को इस दुःख की घड़ी में धैर्य और संबल प्रदान करे। 
    डा. गांधी ने बताया कि श्रीकृष्ण भगवान ने अपने सखा अर्जुन को गीता का सन्देश देते हुए जीवन एवं मृत्यु के 
संबंधों को बहुत ही अच्छी तरह समझाया है। गीता का यह ज्ञान हमारे लिए भी काफी लाभकारी है। पवित्र गीता के अनुसार नैनं छिन्दन्ति शास्त्रिाणि नैनं दहति पावकः। न चैनं क्लेदयन्तापो न शोषयति मारूतः।। भावार्थ - हे अर्जुन, आत्मा को न शस्त्र भेद सकते हैं न अग्नि जला सकती है, न ही इसे वायु सुखा सकती है, न ही इसे दुःख-सुख, क्लेश आदि प्रभावित कर सकते हैं। अतः तू भली-भांति समझ ले कि आत्मा अजर अमर तथा अविनाशी है। परम आदरणीय बाबू जी एक सेवाभावी विचार के रूप में सदैव सूक्ष्म रूप से हम सभी को समाज की सेवा करने के लिए उत्साहित करते रहेंगे।
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