
कुशल नारी शासिका अहिल्या बाई होल्कर के मानवीय विचारों के अनुकूल
न्याय आधारित वैश्विक लोकतांत्रिक व्यवस्था के गठन की शीघ्र आवश्यकता
माननीय गणपतराव देशमुख तथा अमर शहीद रीतेश कुमार पाल
को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी
लखनऊ 1 अप्रैल। पाल वल्र्ड टाइम्स वेबसाइट के प्रधान कार्यालय, रायबरेली रोड पर ‘न्याय आधारित वैश्विक लोकतांत्रिक व्यवस्था के गठन की आवश्यता’ विषय पर विचार गोष्ठी का आज आयोजन किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के गांव बनई से श्री संजीव कुमार पाल तथा उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले एडवोकेट श्री हरदुल सिंह विशेष रूप से पधारे।
इस अवसर पर सभी ने मातु अहिल्या बाई होल्कर, सभी धर्मों के महान अवतारों तथा सर्व समाज के महापुरूषों के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके सम्मान प्रकट किया। साथ ही सभी ने मातुश्री के लोक कल्याण, पारिवारिक एकता, वसुधैव कुटुम्बकम् तथा सर्व-धर्म समभाव के विचारों को जन-जन में पहुंचाने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के 11 बार विधायक के रूप में चुने जाने का रिकार्ड बनाने वाले 95 वर्षीय माननीय गणपतराव देशमुख के 30 जुलाई 2021 पर देहान्त पर हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। साथ ही हिमाचल प्रदेश में कर्तव्य पालन के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ के निवासी सेना के नायक रीतेश कुमार पाल के शौर्य और वीरता को नमन करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इन दोनों दिवंगत महान आत्माओं की दिव्य लोक में प्रगति की प्रार्थना की गयी। आत्मा अजर अमर अविनाशी है। वे दोनों सदैव सूक्ष्म रूप से समाज को लोक कल्याण के लिए प्रेरित करती रहेंगे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री संजीव कुमार पाल ने कहा कि ‘न्याय आधारित वैश्विक लोकतांत्रिक व्यवस्था के गठन की आवश्यता’ के विचारों को जन-जन में पहुंचाने में पाल वल्र्ड टाइम्स वेबसाइट अनुकरणीय कार्य कर रहा है। विशेष अतिथि एडवोकेट श्री हरदुल सिंह ने कहा कि नारी शासिका अहिल्या बाई होल्कर तथा संविधान निर्माता डा. भीम राव अम्बेडकर के विचारों के अनुकूल न्याय आधारित वैश्विक लोकतांत्रिक व्यवस्था के गठन की शीघ्र आवश्यकता है। इस पुनीत अभियान में सभी को तन, मन तथा धन से सहयोग करने के यथा शक्ति आगे आना चाहिए।
वरिष्ठ समाजसेवी श्री प्रदीपजी पाल ने कहा कि शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसके द्वारा विश्व में सामाजिक परिवर्तन लाया जा सकता है। 21वीं सदी की शिक्षा का स्वरूप 20वीं सदी की शिक्षा से भिन्न अर्थात 21वीं सदी की शिक्षा का स्वरूप विश्वव्यापी तथा समस्त मानव जाति के कल्याण का होना चाहिए। 21वीं सदी का विश्व राष्ट्रीयता से एक कदम आगे बढ़कर अन्तर्राष्ट्रीयता के रूप में विस्तार चाहता है। जगत गुरू भारत को न्याय आधारित एक वैश्विक लोकतांत्रिक व्यवस्था के गठन के लिए शीघ्र पहल करना चाहिए।
युवा समाजसेवी श्री विश्व पाल ने कहा कि ‘ग्लोबल विलेज’ के रूप में विकसित 21वीं सदी के विश्व समाज में भी मातुश्री अहिल्या बाई होल्कर के लोक कल्याणकारी, लोकतांत्रिक तथा न्यायपूर्ण विचार आज भी पूरी तरह सारगर्भित तथा युगानुकूल हैं।
समापन पर मेरठ से प्रकाशित ‘हरि कमल दर्पण’ साप्ताहिक समाचार पत्र की प्रति, गड़रिया महासभा द्वारा प्रकाशित कैलेण्डर तथा पारिवारिक एकता की प्रति श्री संजय कुमार पाल तथा एडवोकेट हरदुल सिंह को सादर भेंट की गयी। श्रीमती उमाजी पाल ने समाज से मिल रहे विश्वास तथा सहयोग के लिए सभी के प्रति हार्दिक धन्यवाद प्रकट किया।
palworldtimes.com
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