अन्नदाता का सम्मान करें सरकार-

तपन क्या होती है किसानों से पूछे,तपती लू की लपेटे,सर्द की शीतलहर, बारिश की वो तेज़ धार, प्रकृति की मार  को सहन करना, हर परिस्थितियों से लड़ते हुये धरती का सीना फाड़कर अमृत निकालना हर मौसम को चुनौती देना, सिर्फ किसान ही किसान का दर्द समझ सकता है किसानों के साथ राजनीति,कूटनीति नही होनी चाहिए। लोगों के पेट को भरने वाले किसान को सम्मान के साथ जीने का हक है उन्हें उनका उचित समर्थन मूल्य और पूरा सहयोग देना सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए।  किसान भाइयों को बिचौलियों के समक्ष नही होने देना चाहिए। सरकार को किसानों को  मज़बूत और सक्षम बनाने की आवश्यकता है अगर अन्नदाता ही कमजोर और मजबूर हो जाएगा तो सबका पेट कैसे भरेगा। चारों ओर अराजकता सी हो जाएंगी, लोग भूखें मर जायेंगे। भारत कृषि प्रधान देश है तो  किसानो को किसी भी तरह  से तकलीफ़ नही होनी चाहिए। भारत के किसानों को बिचौलियों से दूर रखकर उनको और अवसर प्रदान कराने की जिम्मेदारी होनी चाहिए। फसल बीमा के अंतर्गत इनका बीमा होना चाहिए। मंडी परिषद किसानों के हित में हो , ना कि बिचौलियों के हित में। सरकार पारदर्शिता के साथ किसानों से वार्ता करें और उनका विश्वास जीते। बर्बरतापूर्वक व्यवहार ना करें। किसान ही सीमा पर खड़े जवानों को पीछे नहीं हटने देते है किसान ही ऐसी कड़ी है जो हर वर्ग, धर्म, जाति के लोगों के साथ एक समान न्याय करते है तो किसानों के साथ सरकार को भी पारदर्शी होनी चाहिए।-श्रवण पाल (अन्नू) वाराणसी उत्तर प्रदेश

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