
दिल्ली की एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई को निर्देश दिया है कि एयरसेल-मैक्सिस केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदम्बरम और उनके बेटे कार्ति चिदम्बरम के खिलाफ जांच 1 फरवरी, 2020 तक पूरा कर लिया जाए.
अदालत ने इस साल की शुरुआत में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम के खिलाफ एयरसेल-मैक्सिस मामले को फिर से खोला जिसमें सीबीआई और ईडी ने चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
एक न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक विशेष अदालत ने अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई को निर्देश दिया है कि जांच 1 फरवरी, 2020 तक पूरा कर लिया जाए.
इससे पहले मामले को 'अनिश्चित काल' के लिए स्थगित कर दिया गया था. अदालत ने पिछले साल सितंबर में मामले को 'अनिश्चित काल' के लिए स्थगित कर दिया था. तब अदालत ने कहा था कि दोनों जांच एजेंसियां 'स्थगन के बाद स्थगन' की मांग कर रही थीं. अदालत ने पिता- पुत्र को अग्रिम जमानत भी दे दी थी.
क्या है मामला
यह केस फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से जुड़ा है. साल 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील को पी चिदम्बरम ने बतौर वित्त मंत्री मंजूरी दी थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम पर आरोप है कि उनके पास उस वक्त 600 करोड़ रुपए तक के प्रोजेक्ट प्रपोजल्स को ही मंजूरी देने का अधिकार था.
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