
अंधविश्वास और पाखण्ड से मुक्ति का सन्देश देती नजर आएंगी नाट्य प्रस्तुतियां
प्रयागराज 09 जून, मम्फोर्डगंज स्थित राष्ट्रीय शिशु विद्यालय के परिसर में सात से सत्रह आयु वर्ग के बच्चों के सृजनात्मक, कलात्मक और व्यक्तित्व विकास के लिये प्रबुद्ध फाउंडेशन, देवपती मेमोरियल ट्रस्ट और डा. अम्बेडकर वेलफेयर एसोसिएशन (दावा) के संयुक्त तत्वावधान में एक तेईस दिवसीय प्रतुतिपरक ग्रीष्मकालीन प्रबुद्ध बाल नाट्य कार्यशाला में बहुजन समाज के पचासों बच्चों को रंगमंच के विविध कला आयामों के विषय मे प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कार्यशाला में प्रतिभागी बच्चे प्रतिदिन चार घंटे खेल कूद, विपश्यना, व्यायाम, योगा, गीत, नृत्य और नाटकों में प्रशिक्षण ले रहे है। खेल खेल में सर्वसमाज के चौवन बच्चे बुद्धं शरणं गच्छामि, भगवान बुद्ध की ज्योति अमर, कबीरा कहे ये जग अन्धा, तेरी आरती उतारू रे, हम भीमराव के बच्चे है, मुझे दुश्मन के बच्चों को पढ़ाना है और काल चक्र के आगे आगे आदि गीतों पर नृत्य नाटिका और प्रख्यात बहुजन साहित्यकार सूरज पाल चौहान की कहानी परिवर्तन की बात, महाराष्ट्र की प्रख्यात बहुजन महिला साहित्यकार डा. सुशीला टाकभौरे द्वारा लीखित नाटक जीवन के रंग, नाटक बेटी और मैथिलीशरण गुप्त की कविता माँ कह एक कहानी और नशा मुक्ति, पाखण्ड और नेतागीरी तथा बेटियों को बचा लो जैसी लघु नाटक बेटी के मंचन किया जाएगा।
कार्यशाला का समापन कल 11 जून को अपराह्न 02 बजे से उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रयागराज के प्रेक्षागृह में दर्जनों नृत्य, नाटक व गायन की प्रस्तुतियों के साथ किया जाएगा।
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Pradeep ji
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