
लखनऊ 13 मार्च। जय जगत फाउण्डेशन द्वारा पारिवारिक व विश्व एकता सत्संग का आयोजन रविवार 12 मार्च 2023 को सफलतापूर्वक किया गया। समारोह का शुरूआत लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर सहित अन्य पूज्यनीय अवतारों तथा महापुरूषों के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्जवलन तथा पुष्पांजलि अर्पित करके हुआ। समारोह में दिवंगत एडवोकेट श्री उमेश पाल सहित अन्य दिवंगत हस्तियों को पुष्पांजलि अर्पित की गयी।
सत्संग में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्री दया शंकर पाल, पूर्व प्रधानाचार्याए शासकीय जूनियर स्कूल, मैनपुरी ने कहा कि 21वीं सदी के अनुकूल बच्चों का बाल्याकाल से ही विश्वव्यापी दृष्टिकोण विकसित करने की आवश्यकता है। ताकि आज के ये बालक बड़े होकर पूरी दुनिया में जाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सके। उन्होंने आगे कहा कि युद्ध के विचार सबसे पहले मनुष्य के मस्तिष्क में पैदा होते हैं। शान्ति की शिक्षा देने के लिए हमें मनुष्य के मस्तिष्क में शान्ति व एकता के विचारों को रोपना होगा। मनुष्य को शान्ति तथा एकता के संस्कार देने की सबसे श्रेष्ठ अवस्था बचपन है। उन्होंने पारिवारिक एकता का संदेश जन.जन में प्रचारित करने के लिए जय जगत फाउण्डेशन की भूरि.भूरि प्रशंसा की।
इस अवसर शैक्षिक एवं आध्यात्मिक चिन्तक प्रदीपजी पाल ने बताया कि समाज को व्यवस्थित देखना है तो कानून का पालन होना चाहिए। सामाजिक शिक्षा के द्वारा बालक में परिवार तथा समाज के प्रति संवेदनशीलता विकसित की जानी चाहिए। विश्व के बच्चों को ऊँच.नीच तथा जात.पात के मतभेदों से बचाना चाहिये। उन्होंने आगे कहा कि मानव जीवन हमें एकमात्र अपनी आत्मा के विकास के लिए मिला है। नौकरी या व्यवसाय आत्मा का विकास करने का सबसे सरल उपाय है। इसलिए नौकरी या व्यवसाय ईमानदारी तथा सेवा भावना से करना चाहिए। प्रदीपजी ने बताया कि गृहस्थ एक तपोवन है जिसमें रहकर संयमए सेवा तथा सहकार की साधना सरलता से की जा सकती है।
सत्संग में पधारे विशिष्ट अतिथि एडवोकेट बृजेन्द्र सिंह पाल ने कहा कि घोर भौतिकता के कारण वर्तमान समय में परिवार संस्था कमजोर हो रही है। पारिवारिक एकता इस युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है। समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार है। परिवार संस्था के मजबूत होने से एक श्रेष्ठ समाज का निर्माण होता है। परिवार तथा स्कूल में बालक को भौतिकए सामाजिक तथा आध्यात्मिक तीनों तरह के गुणों का संतुलित विकास होने का प्रशिक्षण मिलना चाहिए।
युवा इंजीनियर भानु प्रताप पाल ने कहा कि देश की तरह ही सारे विश्व को लोकतांत्रिक ढंग से चलाने के लिए एक नई विश्व व्यवस्था की आवश्यकता है। देश की तरह ही यह ग्लोब भी हमारा है। यह ग्लोब सुरक्षित रहेगा तो हमारा देश सहित सभी देश भी सुरक्षित हांेगे। प्रिय जय जगत ने सभी को अपनी बाल सुलभ प्रतिभा से हर्षित किया।
श्रीमती उमाजी पाल ने सभी के प्रति हार्दिक धन्यवाद प्रकट किया। सभी को पारिवारिक एकता का पम्पलेट तथा हरि कमल दर्पण साप्ताहिक समाचार पत्र की प्रतियां सादर भेंट की गयी।
भवदीय
विश्व पालए मीडिया प्रभारी
लखनऊ वाट्सअप 9335554711
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