सदियां लग जाती हैं फिर से गुलिस्तां बनाने में। आपको हया भी नहीं आती इसे उजाड़ने में।

देश के विचारशील नागरिकों, 
    आज मेरा दिल, मेरा मन, इस बात से बहुत व्यथित है। सरेआम बलात्कार किए जा रहे हैं, समाज के लोगों को सरेआम मारा जा रहा है। सरेआम दबंगई चल रही है। फिर भी हम मौन हैं, हम गांधीवादी लोग हैं। हम अहिंसा वादी लोग हैं। हमें हिंसा बिल्कुल पसंद नहीं, और इसका मतलब यह भी नहीं कि हमारी समाज पर अत्याचार होगा और हम चुप बैठेंगे। 
    हम देश के सभी क्षेत्रों के संवेदनशील तथा विचारशील लोगों का आह्वान करते है कि वह न्याय, अहिंसा, लोकतंत्र, संविधान, धर्म, सत्य, विश्व शान्ति, विश्व एकता आदि की रक्षा के लिए एकजुट हो। 


धर्मेन्द्र बघेल 
फिल्म लेखक,निर्देशक और राष्ट्रीय  प्रवक्ता 
लोकमाता अहिल्याबाई होलकर यूथ बिग्रेड भारत
मुंबई 400102

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