सी.एम.एस. द्वारा ‘सिविल सर्विस कॉन्क्लेव’ का भव्य आयोजन 


लखनऊ, 6 मार्च। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के इण्टरनेशनल रिलेशन्स डिपार्टमेन्ट के तत्वावधान में ‘सिविल सर्विस कॉन्क्लेव’ का भव्य ऑनलाइन आयोजन सम्पन्न हुआ। सी.एम.एस. के पूर्व छात्र एवं राज्यसभा सदस्य डा. सुधांशु त्रिवेदी ने बतौर मुख्य अतिथि अपनी उपस्थिति से समारोह की गरिमा को बढ़ाया। कॉन्क्लेव में सी.एम.एस. के कई पूर्व छात्रों एवं वर्तमान में आईएएस, आईएफएस, आईपीएस, आईआरएस अधिकारी के रूप में देश को अपनी सेवायें दे रहे वरिष्ठ अधिकारियों ने सी.एम.एस. के अपने स्कूली दिनों को याद करते हुए छात्रों को सारगर्भित विचारों व अनुभवों से रूबरू कराया, साथ ही साथ उज्जवल भविष्य हेतु महत्वपूर्ण मार्गदर्शन भी प्रदान किया। इससे पहले, सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् 
डा. जगदीश गाँधी ने मुख्य अतिथि व अन्य गणमान्य हस्तियों का हार्दिक स्वागत-अभिनंदन किया।
    इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि डा. सुधांशु त्रिवेदी, राज्यसभा सदस्य ने कहा कि मेरे लिए बड़े हर्ष का विषय है कि सी.एम.एस. की जय जगत की विचारधारा आज पूरे विश्व में फैल रही है। सी.एम.एस. के जो भी छात्र आज उच्च पदों पर हैं, उनकी महती जिम्मेदारी है कि सारे विश्व का कल्याण, विश्व मानवता का उत्थान एवं वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को साकार करने में योगदान दें। 
    कॉन्क्लेव में अपने विचार व्यक्त करते हुए विद्यालय के पूर्व छात्र एवं श्रीलंका में भारत के राजदूत श्री गोपाल बागले, आईएफएस, ने कहा कि सी.एम.एस. ने हमें सिखाया कि उच्च विचार, नैतिकता, चारित्रिक उत्कृष्टता जैसे  जीवन मूल्य परीक्षा के नंबरों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं। आज मेरे राजनयिक कैरियर में सी.एम.एस. द्वारा प्रदान की गई जय जगत की भावना का बहुत योगदान है। सुश्री अपूर्वा श्रीवास्तव, आईएफएस, महावाणिज्य दूतावास, टोरंटो, कनाडा, ने कहा कि सीखने की क्षमता, चुनौतियों का स्वीकार करना सी.एम.एस. ने ही मुझे सिखाया है। दरअसल, कक्षा 1 से 5 तक के शुरूआती दिनों में ही मेरे जीवन की नींव सी.एम.एस. ने रख दी थी। श्री प्रकाश गुप्ता, आईएफएस, संयुक्त सचिव, संयुक्त राष्ट्र मामले, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा कि सी.एम.एस. प्रत्येक बच्चे के सर्वांगीण विकास में भरोसा रखता है, चाहे वह किताबी शिक्षा हो अथवा व्यक्तित्व विकास, और यही चीज सी.एम.एस. को अन्य स्कूलों से अलग करती है। 
             श्री ज्ञानेश्वर सिह, आईपीएस, उप महानिदेशक (डीडीजी), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जब हम छोटे थे तो नहीं समझते थे कि सी.एम.एस. की शिक्षा पद्धति का महत्व क्या है, परन्तु आज मैं कह सकता हूँ कि सी.एम.एस. की शिक्षा पद्धति, सी.एम.एस. द्वारा दिये गये उच्च विचारों, व्यक्तित्व विकास के प्रयासों ने ही मुझे इस मुकाम पर पहुँचाया है। इसी प्रकार, सी.एम.एस. की पूर्व छात्रा सुश्री नेहा गिरी, आईएएस, सीएमडी, राजस्थान हैंडलूम कॅार्पोरेशन, जयपुर, श्री अभिषेक सिंह, आईपीएस, पुलिस अधीक्षक, एटीएस, लखनऊ, श्री अतुल शर्मा, आईपीएस, उप निदेशक - यातायात, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, श्री क्षितेंद्र वर्मा, आईआरएस, केंद्रीय संयुक्त आयुक्त माल एवं सेवा कर, फरीदाबाद, सुश्री इला त्रिपाठी, आई.ए.एस. एवं श्री हसन अहमद, आई.आर.एस. आदि ने अपने सारगर्भित विचार रखे।
      इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि सी.एम.एस. के सारे ही पूर्व व वर्तमान छात्र हमारा गौरव हैं। हमारे इन्हीं छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों के कठिन परिश्रम की बदौलत सी.एम.एस. आज अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है। इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गाँधी, सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गाँधी किंगडन, सी.एम.एस. के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफीसर श्री रोशन गाँधी एवं ‘सिविल सर्विस कॉन्क्लेव’ के संयोजक व सी.एम.एस. के इण्टरनेशनल रिलेशन्स डिपार्टमेन्ट के हेड डा. शिशिर श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

Pradeep ji Pal 
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