
लखनऊ 15 जून। विश्व रक्तदान दिवस पर थैलेसीमिया बीमारी से पीड़ित बच्चों के लिए स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन पी.जी.आई. के ब्लड बैंक, लखनऊ में किया गया। श्री साई सेवा रक्तदान ग्रुप, टाप लीड्स कोविड सपोर्ट पैन इंडिया एवं पाल वल्र्ड टाइम्स वेबसाइट द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। रक्तदाता देवदूत के रूप में शुभंशु सिंह तथा मानस मेहरोत्रा ने थैलेसीमिया बीमारी से पीड़ित बच्चों के लिए रक्तदान करके गर्व की अनुभूति की। श्रीमती अनीता चन्डोक, विश्व पाल, शीना कपूर, राहुल गनास्ता, डा. शितांश सिंह, उत्कर्ष, प्रतीक, राजेंद्र, श्रेन्द्रा, मानस आदि ने रक्तदान शिविर को सफल बनाने में अपना-अपना योगदान दिया। इस अवसर पर एसजीपीजीआई में नर्सिंग अधिकारी के पद पर कार्डियोलॉजी आइसीयू में कार्यरत मिसेज यूनिवर्स नीमा पंत ने सभी का उत्साह बढ़ाया।
रक्तदान शिविर की संयोजिका तथा जानी-मानी समाजसेविका श्रीमती अनीता चन्डोक ने बताया कि रक्तदान के अनेक फायदे हैं - रक्तदान से दिल का दौरा पड़ने का खतरा बहुत कम हो जाता है, रक्तदान करने से नसों में खून का थक्का नहीं जम पाता है। नियमित रक्तदान से खून पतला बना रहता है। वजन कम करने में मदद मिलती है। रक्तदान से शरीर में ऊर्जा बनती है। शरीर में नया खून बनता है। आयरन की मात्रा संतुलित होती है जिससे लिवर संबंधी बीमारी और कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
पाल वल्र्ड टाइम्स वेबसाइट के सह-संचालक तथा नियमित रक्तदाता विश्व पाल ने इस अवसर पर कहा कि रक्तदान से किसी भी प्रकार की कमजोरी नहीं आती और 24 से 48 घण्टे में पुनः रक्त बन जाता है। रक्तदान करते समय चार बातों का ध्यान रखना चाहिए - 18 से 65 वर्ष उम्र हो, कोई असाध्य रोग न हो, हीमोग्लोबिन 12.5 जी/डीएल से अधिक हो तथा 45 किग्रा. से ज्यादा वजन हो। विश्व पाल ने आगे बताया कि देश में हर साल करीब 10 हजार बच्चे थैलीसीमिया के साथ पैदा होते हैं। देश में छोटे एवं बड़े करीब एक लाख लोग इससे पीड़ित हैं।
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