विकास दुबे को थी एनकाउंटर की आशंका, उज्जैन पुलिस से कही थी ये बात

उज्जैन। महाकाल मंदिर परिसर में खुद चिल्ला-चिल्लाकर पहचान बताने वाला गैंगस्टर विकास दुबे दरअसल बचने के लिए यह हरकत कर रहा था। यूपी पुलिस का डर उसने उज्जैन पुलिस के सामने जाहिर भी किया था। विकास के साथ कार में गए एक पुलिसकर्मी ने बताया कि वह रास्ते भर गिड़गिड़ा रहा था।

उज्जैन पुलिस ने हिरासत में विकास से कई घंटे तक पूछताछ की थी। इसमें कई जानकारियां देते वक्त विकास रो दिया था। गुना बाॅर्डर तक उसे छोड़ने के लिए 16 सदस्यीय उज्जैन पुलिस की टीम भेजी गई थी। इस दौरान उसे गाड़ी में बैठाकर ले जा रहे पुलिसकर्मियों से भी विकास यही बोल रहा था कि मुझे मत ले जाओ। यूपी पुलिस के हवाले मत करो। ऐसा क्यों कर रहे हो, लेकिन पुलिस चुपचाप सुनती रही। एक बार तो पुलिसकर्मियों ने उसे सख्ती दिखाते हुए चुप रहने को कहा।

गुना बॉर्डर पहुंचते ही उज्जैन पुलिस ने कागजी प्रक्रिया पूरी की और विकास को यूपी एसटीएफ के हवाले कर दिया। इसके बाद गुना में ही ढाबे पर खाना खाने के बाद टीम लौट आई थी। सुबह (10 जुलाई) विकास की मुठभेड़ में मारे जाने की खबर आ गई। यानी कि विकास यह अच्छी तरह से जानता था कि यूपी पुलिस के हवाले किया तो बचेगा नहीं, इसीलिए वह उज्जैन में ही जेल जाना चाहता था लेकिन उसकी साजिश नाकाम रही।

एसआईटी जांचेगी विकास के साथ कौन अफसर मिले थे -

विकास के साथ पुलिस की मिलीभगत और उससे जुड़े मामलों की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई है। एसआईटी विकास गैंग की एक साल की कॉल डिटेल खंगालकर पुलिसकर्मियों की मिलीभगत की भी जांच करेगी। एडिशनल चीफ सेक्रेटरी संजय भूसरेड्डी की अगुवाई में एसआईटी 31 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपेगी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी विकास, उसके परिवार और बाकी गुर्गों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज करने की तैयारी में है। रिपोर्ट्स हैं कि विकास ने बड़े पैमाने पर बेनामी संपत्तियां खरीद रखी थीं। उसके विभिन्न जगहों पर 27 घर (16 फ्लैट) हैं। हाल ही में उसने लखनऊ के आर्यनगर में 23 करोड़ रुपए में बंगला खरीदा था। वह 3 साल में 14 बार विदेश गया था।

विकास का एक और साथी पकड़ा गया -

विकास के दो साथी सोनू तिवारी और अरविंद उर्फ गुड्‌डन त्रिवेदी काे महाराष्ट्र एटीएस ने ठाणे से गिरफ्तार किया गया है। साेनू विकास दुबे का ड्राइवर भी था। सोनू 8 पुलिसवालों की हत्या के मामले में शामिल था।

‘मुठभेड़ की सीबीआई या एनआईए जांच हो’: विकास और उसके गुर्गों के एनकाउंटर के मामले भी सुप्रीम काेर्ट पहुंच चुके हैं। इनकी सीबीआई या एनआईए जांच करवाने की मांग काे लेकर शनिवार काे 4 जनहित याचिकाएं दायर की गईं। एक वकील ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे को पत्र भेजा है।

विकास 10 जुलाई को मारा गया -

विकास शुक्रवार को यूपी एसटीएफ के साथ एनकाउंटर में मारा गया था। वह उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था। इससे पहले उसके 5 साथी भी मारे जा चुके हैं। 5 गिरफ्तार हो चुके हैं और 10 अभी फरार हैं। कानपुर के बिकरु गांव में 2 जुलाई की रात विकास और उसकी गैंग ने 8 पुलिसवालों की हत्या की थी।

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