खड़गे को कमान से फिर सुलग सकती है कांग्रेस की कलह

कांग्रेस में युवा बनाम बुर्जुगों की लंबे समय से चल रही रस्साकशी के बीच पार्टी हाईकमान ने राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद के लिए एक बार फिर वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर भरोसा जताया है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के भरोसेमंद खड़गे राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद की जगह विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी संभालेंगे। कांग्रेस की अंदरूनी उठापटक को देखते हुए खड़गे को राज्यसभा में नेता विपक्ष बनाने में बेशक कांग्रेस हाईकमान को किसी तरह के सियासी प्रतिरोध से रूबरू नहीं होना पड़़ा है मगर देर-सबेर पार्टी के असंतुष्ट खेमे की ओर से बड़ी हलचल शुरू करने की संभावनाओं को नकारा नहीं जा रहा है। खड़गे की नियुक्ति के बाद कांग्रेस में हिंदी भाषी उत्तर के राज्यों के नेताओं की अनदेखी का नया विवाद भी गरमा सकता है।

राज्यसभा में खड़गे को नेता विपक्ष बनाए जाने की कांग्रेस की तरफ से आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की गई है लेकिन समझा जाता है कि पार्टी ने एक हफ्ते में रिटायर होने जा रहे गुलाम नबी आजाद की जगह खड़गे को राज्यसभा में कांग्रेस संसदीय दल का अगला नेता बनाए जाने संबंधी पत्र सभापति वेंकैया नायडू को सौंप दिया है। इस नाते खड़गे का 17 फरवरी के बाद नेता विपक्ष बनना तय है क्योंकि आजाद इसी दिन रिटायर हो रहे हैं। बजट सत्र के पहले चरण के अंतिम दिन सदन में आजाद का भी आखिरी दिन था और तभी सदन स्थगित होने के बाद राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा गेट के बाहर तक उनको छोड़ने आए और आजाद को विदाई दी।

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