*मूलतः- डॉ.संगीता पाल काव्य कलाधर उपाधि से हुईं सम्मानित*

 

राजस्थान प्रदेश का अग्रणी साहित्यिक,सांस्कृतिक, शैक्षिक प्रतिष्ठान एवं सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त 1937 से संचालित संस्थान, साहित्य मंडल श्रीनाथ राजस्थान द्वारा हिंदी भाषा के पुरोधा राष्ट्रभाषा सेनानी श्री भगवती प्रसाद देवपुरा स्मृति एवं "राष्ट्रीय बाल साहित्य समारोह" ५ एवं ६ जनवरी २०२५ को सकुशल संपन्न हुआ।दो दिवसीय साहित्य समारोह में देश के कोने-कोने से अनेक साहित्यकार, प्रबुद्धजन, काव्य मनीषी एवं अनेक विधाओं में पारंगत कलाकार पधारे।

      साहित्य मंडल श्रीनाथजी द्वारा सभी का विशेष सम्मान हुआ। सम्मान की इसी कड़ी में "कच्छ, गुजरात से पधारीं मूलतः जौनपुर जिला (उत्तर प्रदेश) की निवासी कवयित्री "डॉ संगीता पाल" को उनके साहित्य एवं काव्य क्षेत्र के योगदान को देखते हुए संस्था द्वारा "काव्य कलाधर" की "मानद उपाधि" से विभूषित किया गया। 

      डॉ संगीता पाल गीत, गजल, छंद, लोकगीत एवं काव्य की अनेक विधाओं में लेखन एवं गायन करती हैं। वर्तमान में अनेक साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं से जुड़कर विभिन्न महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वाहन कर रहीं हैं। देश के कई राज्यों में साहित्यिक संस्थाओं द्वारा ४० से अधिक सम्मानों से सम्मानित हो चुकी हैं । डॉ पाल की चार पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।अनेक साझा संकलन और आधा दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशनाधीन हैं एवं डॉ पाल का यूट्यूब चैनल "Dr sangita pal" के नाम से चलता है।

       डॉ संगीता पाल के सम्मानित होने पर उनके करीबियों एवं परिजनों में खुशी की लहर है।मिर्जापुर (उ० प्र०) के जाने माने कवि श्री आनंद अमित, बाल साहित्य की नवोदित एवं चर्चित कवयित्री सुश्री श्रृष्टि राज, मालिनी पाठक, डॉ ओम पाल, दीपा लाहौरी, रजनी श्रीवास्तव, इंजीनियर राम बचन पाल, शशिबाला भारती, मनीषा चौहान, राम जतन पाल, श्रीमती सावित्री कुमारी एवं सोनभद्र के चिर परिचित कवि एवं शिक्षक श्री श्याम बिहारी मधुर जी ने बधाई एवं शुभकामनाएँ प्रेषित की।

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