
संयुक्त सामाजिक न्याय मंच
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प्रकाशनार्थ
आज दिनांक 7 अक्टूबर 2023 को प्रेस क्लब में सामाजिक संगोष्ठी एवं प्रेस वार्ता आयोजित की गई ।
प्रदेश की अति पिछड़े एवं अत्यंत पिछड़े समाज के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से प्रस्तावित किया कि केंद्रीय स्तर पर न्याय मूर्ति जी रोहिणी की अध्यक्षता में गठित आयोग की संस्तुतियों जो महामहिम राष्ट्रपति को 1 अगस्त 2023 को गहन छानबीन के पश्चात शामिल की जा चुकी है तत्काल लागू किया जाए । राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की संस्तुति पर केंद्र सरकार ने जून 2017 में मुख्य न्यायमूर्ति जी रोहिणी की अध्यक्षता में पिछड़े वर्गो के आरक्षण में उत्पन्न असमानता को दूर करने हेतु आयोग का गठन किया था ।
इसी तर्क पर उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी ने भी जून 2018 में नया मूर्ति श्री राघवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में सभी जातियों को समान अवसर प्रदान करके वास्तविक सामाजिक न्याय की अवधारणा को लागू करने की दृष्टिकोण से पिछड़े वर्ग के आरक्षण में वर्गीकरण करने हेतु सामाजिक न्याय समिति का गठन किया था जिसकी रिपोर्ट अक्टूबर 2018 में प्रस्तुत की जा चुकी है । सबका साथ,सबका विश्वास के नारे को साकार करने हेतु उक्त दोनों आयोगों की रिपोर्टो को तत्काल प्रकाशित करके लागू करने की मांग की गई ।
उल्लेखनीय है कि रोहिणी आयोग में देश की 983 जातियों को केंद्रीय सेवाओं के प्रतिनिधित्व को शून्य पाया है।
मंडल आयोग के लागू होने के 30 वर्ष पश्चात भी 27% का लगभग 80% हिस्सा केवल कुछ ही जातियों में सीमित रह गया है , जिससे संवैधानिक आरक्षण की अवधारणा निरर्थक होती जा रही है ।अतः सामाजिक न्याय का वास्तविक लाभ दिलाने हेतु उपयुक्त आयोग के परिप्रेक्ष्य में अविलम्ब वर्गीकृत आरक्षण लागू हो, ताकि बैकलॉग के रिक्त पदों पर सदियों से उपेक्षित अति पिछड़ों को संविधान सम्मत अधिकार प्राप्त हो सके ।
मुख्य उपस्थिति प्रतिनिधि- आमोद राठौर एडवोकेट आर.डी. पाल ,अनिल अन्सारी, तपेंद्र प्रसाद, भानु प्रताप सिंह ,एस पी नंद , ओ पी राजपाल डॉक्टर आ यु सिद्दीकी ,विश्राम शर्मा, आर ए सिंह आदि विभिन्न सामाजिक संगठनों तथा दो दर्जन जातीय संगठनों के प्रतिनिधि बडी संख्या में लोग मौजूद थे ।
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