जौनपुर में प्रदीपजी पाल ने लिटिल चैंप्स स्कूल के बच्चों तथा टीचर्स को  पारिवारिक एकता व जय जगत की सीख दी 


जौनपुर, उत्तर प्रदेश। डा. दिलीप पाल, संचालक लिटिल चैंप्स स्कूल, मुरादपुर कोटिला, बदलापुर, जौनपुर, उत्तर प्रदेश के आत्मीयतापूर्ण निमंत्रण पर लखनऊ के शैक्षिक चिन्तक प्रदीप कुमार सिंह ‘पाल’ ने उनके विद्यालय की एक दिवसीय 29 सितम्बर 2023 की शैक्षिक यात्रा की। विद्यालय के संस्थापक डा. दिलीप पाल जो कि मुम्बई में जन्मे प्री-प्राइमरी स्कूलों का अनेक स्कूलों का संचालन कर रहे हैं उन्होंने प्रदीपजी के प्रति हार्दिक आभार प्रकट किया। उन्होंने जौनपुर में अपने पैतृक गांव में आधुनिक सुविधाओं से युक्त स्कूल खोलकर ग्रामीण प्रतिभाओं को निखार रहे हैं। साथ ही प्रधानाचार्य श्री चट्टान सिंह एवं विद्यालय के इंचार्ज श्री अखिलेश पाल सहित अन्य टीचर्स द्वारा बुके देकर प्रदीपजी का स्वागत किया गया। 
    सर्वप्रथम प्रदीपजी ने विद्यालय की एक दिन पूर्व उद्घाटित कम्प्यूटर लेब का अवलोकन किया। प्रदीपजी ने विद्यालय की प्रत्येक कक्षा में जाकर छात्र-छात्राओं से बड़े ही उत्साहपूर्वक बातचीत की। साथ ही बच्चों के साथ जय जगत गीत गाकर उनको ‘एक दिन दुनियां बदलूंगा, धरती स्वर्ग बनाऊंगा, विश्व शान्ति का सपना सच करके दिखलाऊंगा’ का संकल्प कराया। 
    प्रदीपजी ने विद्यालय के सभी टीचर्स के साथ पारिवारिक एकता विषयक गोष्ठी भी की। उन्होंने बताया कि प्यार और सहकार से भरा-पूरा परिवार ही धरती का स्वर्ग है। विश्व एकता की सबसे सशक्त इकाई परिवार है। परिवार एक ईट के समान है। विश्व रूपी भवन का निर्माण परिवार रूपी एक-एक ईट को जोड़कर होता है। परिवार रूपी ईट के मजबूत होने से विश्व रूपी भवन मजबूत तथा टिकाऊ होता है। पारिवारिक एकता ही विश्व एकता की आधारशिला है। हमारा मुख्य उद्देश्य ‘वसुधैव कुटुम्बकम् - जय जगत’ के सार्वभौमिक विचारों को जन-जन तक पहुँचाना है। हमारा प्रबल विश्वास है कि ईश्वर एक है, धर्म एक है तथा मानव जाति एक है। यह सारा विश्व एक कुटुम्ब के समान है। 
    प्रदीप जी ने आगे बताया कि अन्धकार का कोई अस्तित्व नहीं होता है। प्रकाश का अभाव ही अन्धकार है। अन्धकार को क्यों धिक्कारे, अच्छा है कि एक दीप जलाये। यदि कमरे में अंधेरा है तो वह लाठी से भागने से नहीं मिटेगा। उसे भगाने के लिए कमरे में एक छोटा सा शिक्षा रूपी दीपक जलाने से अंधेरा स्वतः भाग जायेगा।   
    प्रदीप जी ने कहा कि मैं अपने लगभग 43 वर्षों के शैक्षिक अनुभव के आधार पर पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि गुणात्मक शिक्षा विश्व का सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसके द्वारा विश्व को बदला जा सकता है। नई 21वीं सदी की शिक्षा का स्वरूप विगत 20वीं सदी की शिक्षा से अलग होना चाहिए। बच्चों का गुणात्मक शिक्षा के द्वारा विश्वव्यापी दृष्टिकोण विकसित करना इस युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है। संसार के प्रत्येक बालक का संकल्प होना चाहिए कि एक दिन दुनिया बदलूँगा धरती स्वर्ग बनाऊँगा, विश्व शान्ति का सपना एक दिन सच कर दिखलाऊँगा। यह सारा विश्व अपना है पराया नहीं। 
    वैश्विक कोरोना महामारी ने सारी मानव जाति को अहसास कराया है कि अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं का हल विश्व के सभी देशों को आपस में मिल-जुलकर निकलना होगा। विश्व के किसी भी लोकतांत्रिक देश का संचालन कानून तथा संविधान के द्वारा होता है। इसी प्रकार सारे विश्व को लोकतांत्रिक ढंग से चलाने के लिए वैश्विक लोकतांत्रिक व्यवस्था का निर्माण आवश्यक हो गया है। इसके लिए समय रहते हमें संयुक्त राष्ट्र संघ को शक्ति प्रदान करके ‘विश्व संसद’ का स्वरूप प्रदान करना चाहिए। हमारा विश्वास है कि वसुधैव कुटुम्बकम् की संस्कृति वाला भारत ही विश्व में शान्ति स्थापित करेगा।
    पाल वल्र्ड टाइम्स न्यूज चैनल की ओर से डा. दिलीप पाल, प्रधानाचार्य श्री चट्टान सिंह एवं विद्यालय के इंचार्ज श्री अखिलेश पाल का अत्यन्त ही सारगर्भित इन्टरव्यू भी लिया गया। 
विश्व पाल, मीडिया प्रभारी 
मो. 9839423719

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