
प्रयागराज। बहुजन समाज के उच्च प्राथमिक विद्यालय तक के बच्चों के सृजनात्मक, कलात्मक और व्यक्तित्व विकास के साथ उनके शैक्षणिक विकास हेतु यमुनापार की तहसील बारा और करछना के दर्जनों बहुजन बाहुल्य ग्रामसभाओं में प्रबुद्ध फाउंडेशन द्वारा संचालित प्रबुद्ध पाठशाला के संस्थापक उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रंगकर्मी, रंग निर्देशक आईपी रामबृज की पहल की जितनी प्रशंसा की जाय वो कम है।
बहुजन बाहुल्य बस्तियों में प्रबुद्ध पाठशाला की शाखाएं खोले जाने के पीछे का रहस्य पूछे जाने पर एडवोकेट रामबृज ने बताया कि उच्च प्राथमिक विद्यालयो में सन पचहत्तर तक जो पढ़ाई होती थी वो आज समय, काल और परिदृश्य के मुताबिक नहीं दिखाई देती। आज बच्चे आठ पास कर जा रहे है किन्तु आठ तक का पहाड़ा बच्चों को नहीं आता। आज की तारीख में बच्चे जब तीन बजे पढ़कर अपने घरों में आते है तो बच्चे घर मे कुछ खा पीकर शाम छः बजे तक कांच की गोली के स्थान पर एक-एक रूपये की गोली खेलते नजर आते है। इतना ही नही प्रत्येक बहुजन बाहुल्य बस्तियों में स्थित अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्ती में दस लोगों का एक टीम जो दिनभर ताश के पत्तो को पलटने में मस्त रहती है जिनकी वजह से बच्चो का भविष्य चौपट हो रहा है किन्तु बहुजन बाहुल्य बस्तियो में प्रबुद्ध पाठशाला की शाखाये डालने से उस गांव के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक तक के बच्चे प्रतिदिन दो घण्टे चार बजे से छः बजे तक प्रबुद्ध पाठशाला में बैठते है जिनकी निःस्वार्थभाव से गणित, विज्ञान और अंग्रेजी विषय मे मजबूती प्रदान करने हेतु निःशुल्क पाठशालाएं डाली गई है।
पूछे जाने पर आईपी रामबृज ने आगे बताया कि प्रबुद्ध पाठशाला का मुख्य उद्देश्य कक्षा पांच तक के बच्चों का शैक्षिक स्तर बढ़ाकर नवोदय विद्यालय में बतौर प्रवेश दिलाने हेतु तैयारी कराना है साथ ही साथ उनकी बौद्धिक स्थिति में बदलाव हेतु बहुजन समाज के बच्चों को मिशन, मूवमेंट के विषय मे जागरूक करना है ताकि केन्द्र और राज्यों में होने वाले चुनाव में जब भी पाठशाला के बच्चे बतौर मतदाता वोट करे तो दोस्त और दुश्मन की पहचान करते हुये दोस्त वर्ग को मतदान करे ताकि हजारो सालो से खोई हुई समण संस्कृति को प्रतिस्थापित कर भारत को प्रबुद्ध भारत बनाया जा सके।
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