बिहार के युवा प्रो. ओम प्रकाश गुजेला (पाल) तथा   श्रीमती विधात्री पाल गुजेला भारत का गौरव विश्व में बढ़ा रहे हैं   


बिहार के बख्तियारपुर अभियंत्रण महाविद्यालय में इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रानिक्स विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत प्रो. ओमप्रकाश गुजेला (पाल) तथा उनकी पत्नी श्रीमती विधात्री पाल गुजेला नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी से नैनो इलेक्ट्रानिक्स में पीएचडी कर रहे हैं। दोनों को विश्व भर में प्रतिष्ठित नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी से प्रतिष्ठित आउटस्टैंडिंग इंटरनेशनल ग्रैजुएट स्टूडेंट स्कालरशिप प्रदान किया गया है। गौरतलब है कि नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी की गणना विश्व की शीर्ष विश्वविद्यालयों में की जाती है, जिसकी वल्र्ड रैंकिंग 66 है। 
    प्रो. ओमप्रकाश गुजेला (पाल) तथा उनकी पत्नी श्रीमती विधात्री पाल गुजेला को रिसर्च के क्षेत्र में कार्य करने वाले प्रतिष्ठित संस्थान वीडी गुड प्रोफेशनल एसोसिएशन द्वारा युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा प्रो. ओम प्रकाश गुजेला को चीन के शंघाई में थ्री एम नैनो इंटरनेशनल कान्फ्रेंस द्वारा बेस्ट स्टूडेंट पेपर अवार्ड मिल चुका है। 
    प्रो. ओम प्रकाश मास्टर डिग्री एशियन इंस्टीटयूट आफ टेक्नोलाजी, थाईलैंड से करने के लिए भी स्कालरशिप एआईटी फेलोशिप मिला था। उसके बाद आप एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए यूरोप गये थे। प्रो. ओम प्रकाश को यूरोपियन यूनियन द्वारा इरासमुस मुंडुस स्कालरशिप मिला था। 
    आप एआईटी बैंकाक में भारतीय छात्र संघ के उपाध्यक्ष चुने गये थे, बाद में आप अध्यक्ष बने। प्रो. ओमप्रकाश को पाल इंटेलेक्चुअल फोरम, बिहार पटना द्वारा भी सम्मानित किया गया है। प्रो. ओमप्रकाश हाई स्कूल की बोर्ड परीक्षा, बिहार में जिला टापर होने का गौरव प्राप्त चुके है। 
    पटना, बिहार निवासी ओम प्रकाश गुजेला के पिता श्री राम जन्म सिंह पाल नेहालपुर उच्च विद्यालय के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक हैं। श्रीमती विधात्री पाल गुजेला, शिवकुटी, प्रयागराज की रहने वाली हैं और श्री जगदेव पाल, सेवानिवृत अभियंता (सिंचाई विभाग) की सुपुत्री हैं। आपकी एक प्यारी सी बेटी अद्विका गुजेला है। 
    समाज के वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप जी पाल ने आप दोनों के सम्मान में प्रेरणादायी गीत की दो पंक्तियां प्रस्तुत करते हुए कहा कि जो आप दोनों ने करके दिखलाया, नहीं है आंसा काम। आप दोनों ने किया है, हम सब का रोशन नाम। आगे आपने कहा कि युवाओं को प्रोत्साहना मिलने से खोज के नए द्वार खुलते हैं। छोटे शहरों से निकले युवाओं को बेहतर मुकाम हासिल होने से लाखों युवाओं के हौसले बुलंद होते हैं। उन्हें और बेहतर करने का जज्बा तथा जुनून मिलता है। 

- प्रदीपजी पाल
वरिष्ठ पत्रकार

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