
लखनऊ 2 जनवरी। विश्वव्यापी तथा मानवीय दृष्टिकोण के बहुमुखी प्रतिभा के धनी मोटिवेशनल स्पीकर, फिल्म अभिनेता प्रो डा. फिरदौस श्राफ, ग्लोबल पीस एंबेसडर, डब्ल्यूसीपीए, अमेरिका/मुंबई, सादर चार दिवसीय जय जगत जागरूकता यात्रा पर लखनऊ पधारे। आप हमारे संरक्षक धनगर समाज के गौरव डा. सुधीर तारे, पुणे के अभिन्न मित्र हैं।
आप जय जगत फाउण्डेशन, लखनऊ तथा पाल वल्र्ड टाइम्स न्यूज चैनल द्वारा पारिवारिक एकता परिचय संगोष्ठी में 1 जनवरी, 2023 को मुख्य अतिथि के रूप में सादर पधारे। संगोष्ठी का शुभारम्भ सर्वधर्म समभाव के संदेश देने वाले महापुरूषों के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके हुआ। साथ ही लखनऊ के दो सेना के शहीदों तथा 6 दिवंगत समाज सेवियों को पुष्पाजंलि अर्पित की गयी। इस अवसर पर लखनऊ समाज के द्वारा आपका हार्दिक अभिनन्दन किया गया।
डा. फिरदौस श्राफ ने इस अवसर पर कहा कि विश्व को युद्धों तथा आतंकवाद से नहीं वरन् प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून तथा विश्व संविधान के द्वारा चलाया जाना चाहिए। इसके लिए हमें समय रहते विश्व संसद का गठन करना होगा। मानव सभ्यता की गुफाओं से शुरू हुई प्रगति यात्रा का अन्तिम लक्ष्य धरती पर आध्यात्मिक सभ्यता के गठन से पूरा होगा। डा. फिरदौस ने जय जगत के विचार को इस युग की सबसे बड़ी आवश्यकता बताया।
मुख्य वक्ता के रूप में वैश्विक तथा शैक्षिक चिन्तक प्रदीपजी पाल ने कहा कि यदि हमें धरती पर शैतानी सभ्यता की जगह आध्यात्मिक सभ्यता स्थापित करनी है तो इसके लिए शिक्षा के द्वारा तीन क्षेत्रों को तराशना होगा। पहला क्षेत्र - इस युग के अनुरूप ‘शिक्षा’ होनी चाहिए (अर्थात शिक्षा केवल भौतिक नहीं वरन् भौतिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक तीनों की संतुलित शिक्षा), दूसरा क्षेत्र - धर्म के मायने साधारणतया समझा जाता है कि मेरा धर्म, तेरा धर्म, उसका धर्म। धर्म के सही मायने है - ईश्वर एक है, धर्म एक है तथा मानव जाति एक है। तीसरा क्षेत्र - सारे विश्व में कानूनविहीनता बढ़ रही है। बच्चों को बचपन से कानून पालक तथा न्यायप्रिय बनने की सीख देनी चाहिए।
श्री पाल ने आगे कहा कि हम सब संसारवासी कानून को तोड़ने वाले बनते जा रहे हैं। समाज को व्यवस्थित देखना है तो कानून का पालन होना चाहिए। सामाजिक शिक्षा के द्वारा बालक में परिवार तथा समाज के प्रति संवेदनशीलता विकसित की जानी चाहिए। विश्व के बच्चों को ऊँच-नीच तथा जात-पात के मतभेदों से बचाना चाहिये। बच्चों को बाल्यावस्था से ही विश्व एकता की शिक्षा मिलनी चाहिए ताकि ये बच्चे बड़े होकर भारतीय संस्कृति के आदर्श वसुधैव कुटुम्बकम् को साकार करने के लिए विश्व की एक न्यायपूर्ण व्यवस्था बनाने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान कर सके।
उल्लेखनीय है कि डा. फिरदौस श्राफ, निदेशक, जोरास्ट्रियन को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, सदस्य, लायंस क्लब आफ ईस्ट बाम्बे, शिक्षा सेवक, समाज भूषण, दलित मित्रा और प्रख्यात दार्शनिक, शोधकर्ता और विचारक 17 अक्टूबर 2022 को राजभवन में माननीय श्री भगत सिंह कोशियारीजी, महाराष्ट्र के राज्यपाल से राजभवन में भंेट करके अपनी पुस्तक भेंट की थी।
संगोष्ठी में श्रीमती उमाजी पाल, श्री फिरोज नरीमन, श्री अजय कुमार सिंह, श्रीमती मधु पाल, श्रीमती नीतू सिंह, प्रसिद्ध कवि सूरज जौनपुरी, श्रीराम पाल, श्री भगवान दीन गौतम, श्री भानू प्रताप पाल, विश्व पाल आदि ने पारिवारिक एकता पर अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर उपस्थित ईशु, भूमि, अंशिका, अजय, अक्षित, वाणी, जय जगत आदि बच्चों ने अपनी बाल सुलभ प्रतिभा से सभी का मन मोह लिया।
इस संगोष्ठी का पूरा प्रेरणादायी तथा सारगर्भित वीडियो बनाकर देशवासियों को सोशल मीडिया के
माध्यम से शेयर किया गया। साथ ही सभी को पारिवारिक एकता का पम्पलेट तथा हरि कमल दर्पण साप्ताहिक की प्रतियां सादर भेंट की गयी।
विश्व पाल, मीडिया प्रभारी
वाट्सअप 9839423719, 9335554711
Leave a comment
महत्वपूर्ण सूचना -
भारत सरकार की नई आईटी पॉलिसी के तहत किसी भी विषय/ व्यक्ति विशेष, समुदाय, धर्म तथा देश के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी दंडनीय अपराध है। इस प्रकार की टिप्पणी पर कानूनी कार्रवाई (सजा या अर्थदंड अथवा दोनों) का प्रावधान है। अत: इस फोरम में भेजे गए किसी भी टिप्पणी की जिम्मेदारी पूर्णत: लेखक की होगी।