
आदरणीय बन्धुओं,
जय मातुश्री अहिल्या बाई होलकर, जय भारत - जय जगत!
हम शिक्षा तथा मीडिया के माध्यम से रात-दिन निरन्तर प्रयास करके पारिवारिक एकता द्वारा ‘वसुधैव कुटुम्बकम्- जय जगत’ के सार्वभौमिक विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं। भारतीय संविधान तथा संस्कृति के प्रति हमारा पूर्ण सम्मान तथा विश्वास है। हमारा प्रबल विश्वास है कि ईश्वर एक है, धर्म एक है तथा मानव जाति एक है। यह सारा विश्व एक कुटुम्ब के समान है। मातुश्री अहिल्या बाई होलकर के वसुधैव कुटुम्बकम् तथा सबका भला में अपना भला से ओतप्रोत सार्वभौमिक विचारों में हमारा पूरा विश्वास है।
पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने के लिए भी हम हरित ऋषि ग्रीनमेन श्री विजय पाल बघेल जी के साथ मिलकर कार्य कर रहे है। ‘‘बुके के स्थान पर बुक’’ अभियान के अन्तर्गत मैंने देश की शैक्षिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक क्षेत्रों की लोकप्रिय हस्तियों को प्रेरणादायी पुस्तकें उपहार स्वरूप देने तथा युग साहित्य स्टाल लगाने का अभियान विगत वर्षों से चला रखा है। सुभाष चिल्ड्रन होम, 19 राजीव विहार, नौबस्ता, कानपुर के साथ मिलकर हम अनाथ एवं बेसहारा बच्चों को संरक्षण तथा सुरक्षित जीवन देने के लिए प्रयासरत हैं। माता राम बेटी वृद्धाश्रम, बड़ी मूर्ति राधे कृष्णा, मेन मुकरबा चैक, दिल्ली के माध्यम से हम उपेक्षित वृद्धजनांे को स्वस्थ, सुखी तथा सुरक्षित जीवन उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। हम आर्थिक आजादी के अन्तर्गत वोटरशिप प्रत्येक वोटर को दिलाने के प्रबल समर्थक है।
विश्व की सबसे छोटी तथा सशक्त इकाई परिवार है। परिवार एक ईट के समान है। राष्ट्र-विश्व रूपी भवन का निर्माण परिवार रूपी एक-एक ईट को जोड़कर होता है। परिवार रूपी ईट के मजबूत होने से राष्ट्र-विश्व रूपी भवन मजबूत तथा टिकाऊ होता है। प्यार और सहकार से भरा-पूरा परिवार ही धरती का स्वर्ग है। पारिवारिक एकता ही वसुधैव कुटुम्बकम् तथा जय जगत की आधारशिला है।
हमारा मानना है कि अन्धकार का कोई अस्तित्व नहीं होता है। प्रकाश का अभाव ही अन्धकार है। अन्धकार को क्यों
धिक्कारे, अच्छा है कि पारिवारिक एकता रूपी एक दीप जलाये। यदि घर में अंधेरा है तो वह लाठी से मारने से नहीं भागेगा। उसे भगाने के लिए घर में एक छोटा सा पारिवारिक एकता रूपी दीपक जलाने से अंधेरा स्वतः भाग जायेगा।
हम वर्तमान में पहले चरण में गड़रिया समाज के विवाह योग्य युवक-युवतियों के रिश्तों जोड़ने का कार्य भी पूरे मनोयोग से कर रहे हैं। पाल वल्र्ड टाइम्स न्यूज तथा वैवाहिक वेबसाइट के माध्यम से भी इस दिशा में हम निरन्तर आगे बढ़ रहे हैं। आप सभी के सहयोग से अगले चरण में हमारा प्रयास सर्व समाज तक इस विवाह योग्य युवक-युवतियों के रिश्तों जोड़ने के अभियान को निरन्तर आगे बढ़ाना है। वर्तमान में हमने आॅन लाइन एक हजार से अधिक बायोडाटा तथा फोटो पहले चरण में गड़रिया समाज के संकलित किये हैं। इन बायोडाटा को आॅन लाइन अपने मोबाइल में देखने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है।
21वीं सदी के वर्तमान वैश्विक युग में हम विश्व के प्रत्येक घर को पारिवारिक एकता की डोर से जोड़ने के लिए आप सभी के सहयोग से सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं। हम सभी का संकल्प होना चाहिए कि हमें समाज के आखिरी घर तक पारिवारिक एकता रूपी दीपक जलाना है। करो योग - रहो निरोग हेतु हम नियमित योग करने के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं। लेखन तथा पत्रकारिता में रूचि रखने वालों को हम प्रशिक्षित करने के लिए सादर आमंत्रित करते हैं।
मैं अपने विश्व के सबसे बड़े विद्यालय सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ में सेवा करने के अपने लगभग 42 वर्षों के शैक्षिक अनुभव के आधार पर पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसके द्वारा विश्व को बदला जा सकता है। 21वीं सदी का विश्व बदलाव चाहता है। मनुष्य द्वारा की जाने वाली सभी सम्भव सेवाओं में सबसे श्रेष्ठ सेवा है - बच्चों की शिक्षा, उनका चरित्र निर्माण तथा उनमें सर्व धर्म समभाव का ईश्वरीय ज्ञान उत्पन्न करना।
‘वसुधैव कुटुम्बकम् - जय जगत’ एक ऐसी वैश्विक विचारधारा है, जिसमंे सम्पूर्ण विश्व की एकता, शान्ति व समृद्धि का उद्देश्य समाहित है। वास्तव में, यही वो विचार है जिसकी दुनिया को आज सबसे अधिक आवश्यकता है क्योंकि इसी विचारधारा में विश्व की समस्त समस्याओं का समाधान निहित है। विश्व में बढ़ती अशान्ति व तनाव की परिस्थितियों के संदर्भ में मेरा सभी वल्र्ड लीडर्स तथा विश्ववासियों से अपील है कि वे आगे आकर पारिवारिक एकता, जय जगत, विश्व एकता, विश्व शान्ति एवं ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सार्वभौमिक विचारों द्वारा वैश्विक लोकतांत्रिक व्यवस्था (विश्व संसद) का गठन समय रहते शीघ्र करके युग धर्म निभाये।
विश्व की वर्तमान विषम परिस्थितियों को देखते हुए विश्व संसद, विश्व सरकार एवं प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था का गठन अब अनिवार्य आवश्यकता है और इसी के बाद धरती पर आध्यात्मिक साम्राज्य की स्थापना का अन्तिम लक्ष्य पूर्ण होगा। यहीं होगा धरती पर स्वर्ग का अवतरण अर्थात 21वीं सदी में धरती में मानव जाति का सुरक्षित, सुखी, समृद्ध एवं उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करना। अभी नहीं तो फिर कभी नहीं?
श्रद्धा एवं सम्मान सहित,
भवदीय
प्रदीप जी पाल, एडीटर इन चीफ, पाल वल्र्ड टाइम्स वेबसाइट एवं
ब्यूरो चीफ, लखनऊ, ‘हरिकमल दर्पण’ साप्ताहिक समाचार पत्र,
कार्यालय - बी-901, आशीर्वाद, उद्यान-2, एल्डिको, रायबरेली रोड, लखनऊ-226025
Whatsapp : 9839423719, Website :: www.pal world times.com
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